Friday 12 May 2017

गर्मियों मे शरीर को रोगो से बचाने के अचुक उपाय।

आजकल अक्सर शरीर अनेक रोगों से घिरा रहता है. ऐसे में अगर आप हर रोज़ त्रिकटु  का  1/4 चम्मच शहद के साथ सेवन करेंगे तो आप अनेक रोगों से सहज ही छूट सकते हैं. ये आयुर्वेद में मल्टीविटामिन का विकल्प है इसको आयुर्वेद का सप्लीमेंट भी कहते हैं. आइये जाने इसको बनाने और सेवन की विधि और साथ में इसके सेवन में अपनाई जाने वाली सावधानियों के बारे में. और हाँ ये बाज़ार में बना बनाया बहुत सारी कंपनियों का आता है.

त्रिकटु चूर्ण :

सोंठ, काली मिर्च और छोटी पिप्पली के चूर्ण को त्रिकुटा/त्रिकटु कहते है। त्रिकटु या त्रिकुटा के तीनो ही घटक आम पाचक हैं अर्थात यह आम दोष का पाचन कर शरीर में इसकी विषैली मात्रा को कम करते हैं। आमदोष, पाचन की कमजोरी के कारण शरीर में बिना पचे खाने की सडन से बनने वाले विशले तत्व है। आम दोष अनेकों रोगों का कारण है। इसे धारण दवा मत समझियेगा, यह बड़े काम का चूर्ण है। विशेषकर सर्दी में यह आपको चमत्कारी परिणाम देगा इसलिए एक बार जरूर आजमाएँ और ऊर्जा से ओत प्रोत निरोगी हो जाएँ।

त्रिकटु चूर्ण बनाने का तरीका – Trikuta churn banane ka tarika

 सोन्ठ अथवा सुन्ठी अथवा सूखी हुयी अदरख, काली मिर्च, छोटी पीपल। इस तीनों को बराबर बराबर मात्रा में लेकर कूट पीसकर अथवा मिक्सी में डालकर महीन चूर्ण बना लें| ऐसा बना हुआ चूर्ण “त्रिकटु चूर्ण” या त्रिकुटा के नाम से जाना जाता है।यह चूर्ण अपच, गैस बनना, पेट की आंव, कोलायटिस, बवासीर, खान्सी, कफ का बनना, सायनोसाइटिस, दमा, प्रमेह तथा बहुत सी बीमारियों में लाभ पहुंचाता है। शुण्ठी पाचन और श्वास अंगों पर विशेष प्रभाव दिखाता है। इसमें दर्द निवारक गुण हैं। यह स्वाद में कटु और विपाक में मधुर है। यह स्वभाव से गर्म है।पिप्पली, उत्तेजक, वातहर, विरेचक है तथा खांसी, स्वर बैठना, दमा, अपच, में पक्षाघात आदि में उपयोगी है। यह तासीर में गर्म है। पिप्पली पाउडर शहद के साथ खांसी, अस्थमा, स्वर बैठना, हिचकी और अनिद्रा के इलाज के लिए प्रयोग किया जाता है। यह एक टॉनिक है।मरिच या मरिचा, काली मिर्च को कहते हैं। इसके अन्य नाम ब्लैक पेपर, गोल मिर्च आदि हैं। यह एक पौधे से प्राप्त बिना पके फल हैं। यह स्वाद में कटु, गुण में गर्म और कटु विपाक है। इसका मुख्य प्रभाव पाचक, श्वशन और परिसंचरण अंगों पर होता है। यह वातहर, ज्वरनाशक, कृमिहर, और एंटी-पिरियोडिक हैं। यह बुखार आने के क्रम को रोकता है। इसलिए इसे निश्चित अंतराल पर आने वाले बुखार के लिए प्रयोग किया जाता है।अदरक का सूखा रूप सोंठ या शुंठी कहलाता है। एंटी-एलर्जी, वमनरोधी, सूजन दूर करने के, एंटीऑक्सिडेंट, एन्टीप्लेटलेट, ज्वरनाशक, एंटीसेप्टिक, कासरोधक, हृदय, पाचन, और ब्लड शुगर को कम करने गुण हैं। यह खुशबूदार, उत्तेजक, भूख बढ़ाने वाला और टॉनिक है। सोंठ का प्रयोग उलटी, मिचली को दूर करता है।

 त्रिकुटा चूर्ण के अद्भुत फायदे – Trikuta churn ke fayde.

इसे सेन्धा नमक के साथ मिलाकर खाने से वमन, जी मिचलाना , भूख का न लगना आदि मे लाभकारी है।अर्जुन की छाल के साथ बनाया गया इसका काढा हृदय रोगों में लाभ पहुंचाता है।खांसी, कफ, वायु, शूल नाशक, व अग्निदीपक। मात्रा 1/2 से 1 ग्राम प्रातः-सायंकाल शहद से।त्रिकटु १/२ चमच्च नित्य गुनगुने पानी से प्रयोग जोड़ों के दर्द में राहत देता है।त्रिकटु , हल्दी , त्रिफला , वायविडंग , और मंडूर को बराबर की मात्रा में मिलाकर , इसे घी और शहद के साथ लेने से पीलिया ठीक होता हैसायनस में अगर कफ जम जाता हो तो त्रिकटु और रीठा पानी में मिला कर नाक में डालने से सारा जमा हुआ कफ बाहर निकल आता है.त्रिकुटा करंज और सेंधा नमक घी और शहद के साथ बच्चों को देने से सुखा रोग में लाभ होता है.त्रिकुटा, जवाक्षार, और सेंधा नमक छाछ के साथ लेने से जलोदर ठीक होता है।टॉन्सिल्स में सुजन के लिए त्रिकुटा और अविपत्तिकर चूर्ण को सामान मात्रा में ले कर , इसका एक चम्मच गुनगुने पानी से ले।त्रिकुटा, त्रिफला तथा मुस्तक जड़, कटुकी प्रकन्द, निम्ब छाल, पटोल पत्र, वासा पुष्प व किरात तिक्त के पंचांग (जड़, तना, पत्ती, फल और फूल) और गुडूची को लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग की बराबर मात्रा लेकर काढ़ा बना लें। इसे दिन में 3 बार लेने से आभिन्यास बुखार ठीक हो जाता है।त्रिकुटा (सोंठ, मिर्च और पीपल), त्रिफला (हरड़, बहेड़ा और आंवला), पटोल के पत्तें, नीम की छाल, कुटकी, चिरायता, इन्द्रजौ, पाढ़ल और गिलोय आदि को मिलाकर काढ़ा बना लें। इसका सेवन सुबह तथा शाम में करने से सन्निपात बुखार ठीक हो जाता है।त्रिकुटा के बारीक चूर्ण में शहद मिलाकर चाटने से खांसीठीक हो जाती है।कब्ज में त्रिकुटा (सोंठ, काली मिर्च और छोटी पीपल) 30 ग्राम, त्रिफला (हरड़, बहेड़ा और आंवला) 30 ग्राम, पांचों प्रकार के नमक 50 ग्राम, अनारदाना 10 ग्राम तथा बड़ी हरड़ 10 ग्राम को पीसकर चूर्ण बना लें। इसमें से 6 ग्राम रात को ठंडे पानी के साथ लेने से कब्जकी शिकायत दूर हो जाती है।त्रिकुट, त्रिफला, सुहागे की खील, शुद्ध गन्धक, मुलहठी, करंज के बीज, हल्दी और शुद्ध जमालगोटा को बराबर मात्रा में लेकर बारीक पिसकर चूर्ण बना लें। इसके बाद भांगरेके रस में मिलाकर 3 दिनों तक रख दें। इसे बीच-बीच में घोटते रहे। फिर इसकी छोटी-छोटी गोलियां बना लें और इसे छाया में सुखा लें। इसमें से 1-1 गोली खाना-खाने के बाद सेवन करने से यकृत के रोग में लाभ मिलता है।त्रिकुटा, जवाखार और सेंधानमक को छाछ (मट्ठा) में मिलाकर पीने से जलोदर रोग ठीक हो जाता है।त्रिकुटा, चीता, अजवायन, हाऊबेर, सेंधानमक और कालीमिर्च को पीसकर चूर्ण मिला लें। इसे छाछ (मट्ठे) के साथ सेवन करने से पेट का दर्द ठीक हो जाता है।त्रिकुटा, चिरायता, बांसा, नीम की छाल, गिलोय और कुटकी को 5-5 ग्राम की मात्रा में लेकर काढ़ा बना लें। फिर इसे छानकर इसमें थोड़ा-सा शहद मिलाकर सेवन करें। इससे पीलिया कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।त्रिकुटा, बड़ी करंज, सेंधानमक, पाढ़ और पहाड़ी करंज को पीसकर इसमें शहद और घी मिलाकर बच्चों को सेवन कराने से `सूखा रोग´ (रिकेट्स) ठीक हो जाता है।

त्रिकटु चूर्ण के सेवन में सावधानियाँ : – Trikut churn sevan me savdhani.

यह पित्त को बढ़ाता है। इसलिए पित्त प्रकृति के लोग इसका सेवन सावधानी से करें।अधिक मात्रा में सेवन पेट में जलन, एसिडिटी, आदि समस्या कर सकता है।जिन्हें पेट में सूजन हो gastritis, वे इसका सेवन न करें।शरीर में यदि पहले से पित्त बढ़ा है, रक्त बहने का विकार है Bleeding disorder, हाथ-पैर में जलन है, अल्सर है, छाले हैं तो भी इसका सेवन न करें।आयुर्वेद में उष्ण चीजों का सेवन गर्भावस्था में निषेध है। त्रिकटु का सेवन गर्भावस्था में न करें।





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Friday 19 August 2016

ANKHO KI ROSNI KALI MIRCH SE KARE TEJ

काली मिर्च के इस प्रयोग से आपकी आँखों की रौशनी चील जैसी हो जाएगी.........................

नेत्रों के लिए परम हितकारी काली मिर्च का ये प्रयोग करने से कमज़ोर दृष्टि वालों के लिए बहुत ही बेहतरीन है इस से नेत्रों के सभी रोग दूर हो कर आँखों की रौशनी गिद्ध के बराबर अर्थात अति तेज़ और दूर से ही देखने वाली हो जाती है. तो आइये जाने ये प्रयोग.

काली मिर्च में निसंदेह नेत्र ज्योति बढ़ा देने की विलक्षण क्षमता होती है. जिसमे बताया है के काली मिर्च को पीसकर देसी घी (गाय का) तथा बूरा शक्कर के साथ मिला कर नित्य खाने से समस्त नेत्र रोग दूर हो जाते हैं तथा व्यक्ति गिद्ध के समान तेज़ दृष्टि वाला बन जाता है. यह तीनो को बराबर मात्रा में मिला कर चूर्ण बनाये. तीनो को 100 – 100 ग्राम की मात्रा में मिला लीजिये.

इस प्रयोग को अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए शरद पूर्णिमा की रात को ये मिश्रण तैयार कर के चन्द्रमा की किरणों के नीचे पूरी रात रखें. चंद्रमा की शीतल किरणों के प्रभाव से यह मिश्रण अत्यधिक शक्तिशाली बन जाता है

प्रयोग विधि

यह मिश्रण सुबह नाश्ते से एक घंटे पहले गाय के दूध के साथ एक चम्मच सेवन करें. सर्दियों में यह 2 चम्मच तक सेवन किया जा सकता है. यह प्रयोग 15 से 90 दिन तक सेवन करना पड़ता है. यह अपना रिजल्ट 15-20 दिनों में देना शुरू कर देगा.
अगर चश्मा लगा हुआ है या नेत्रों में ज्यादा प्रॉब्लम हो तो आप इस के सेवन के साथ में सुबह शौच (मल त्याग) के बाद शीर्षासन या सर्वांगासन ज़रूर करें. और ध्यान रहें के ये आसन करते समय दोनों आँखें बंद हो, अन्यथा नेत्र ज्योति बढ़ने की बजाये कम हो जाएगी!
Bank balance janne ka sabse acha tarika

सभी बैंक ने यह सुविधा शुरू की है… आपको अपने बैंक खाते के
साथ रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से अपने बैंक के निचे दिए गए
मोबाइल नंबर पर कॉल करनी है कॉल अपने आप कट जाएगी और
आपके बैंक बैलेंस की जानकारी आपके फ़ोन पर SMS में आ
जाएगी | अब आपको अपने बैंक बैलेंस जानने के लिए अपने ATM
की ट्रानसेक्शन को व्यर्थ करने की जरुरत नहीं है
1. Axis Bank – 09225892258
2. Andhra Bank – 09223011300
3. Allahabad Bank – 09224150150
4. Bank of Baroda – 09223011311
5. Bhartiya Mahila Bank – 09212438888
6. Dhanlaxmi Bank – 08067747700
7. IDBI Bank – 09212993399
8. Kotak Mahindra Bank – 18002740110
9. Syndicate Bank – 09664552255
10. Punjab National Bank -18001802222
11. ICICI Bank – 02230256767
12. HDFC Bank – 18002703333
13. Bank of India – 02233598548
14. Canara Bank – 09289292892
15. Central Bank of India – 09222250000
16. Karnataka Bank – 18004251445
17. Indian Bank – 09289592895
18. State Bank of India – Get the balance via IVR
1800112211 and 18004253800
19. Union Bank of India – 09223009292
20. UCO Bank – 09278792787
21. Vijaya Bank – 18002665555
22. Yes Bank – 09840909000
23. South Indian Bank-0922300848
24. Bank of Maharashtra-9222281818
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वाइरल fever ka RAM BAAN ILAJ

आज कल वाइरल fever बहुत फैला हुआ है और उसका कोई इलाज भी नहीं है। वाइरस अपना साइकल पूरा करता ही  करता है।
इस दौरान शरीर में प्रोटीन की कमी हो जाती है और बुखार के बाद भी शरीर रिकवर होने में काफ़ी वक़्त ले लेता है !
बचपन से अब तक जब भी मैं इस प्रकार के बुखार से बीमार पड़ता हूँ एक नुस्ख़ा अपनाता हूँ । ये नुस्ख़ा गांधी जी द्वारा किसी किताब में बताया गया प्रसिध्द नुस्ख़ा है !
मुझे और मैंने आज तक जिसे भी कराया है, हमेशा फ़ायदा हुआ है ।
आप भी अपना कर देखें, किसी भी दावा की आवश्यकता नहीं होगी !
१ छोटा चम्मच सादा सफ़ेद नमक को तवे पर तब तक भूनें जब तक ये अपना रंग न बदलने लगे, रंग बदलते(हल्का भूरा या हल्का सा कालिमा लिए हुए) ही इसे तवे से उतार लें और इसमें तुरंत १ चम्मच अजवाइन भून लें (ध्यान रखें भूनें पर जले न)।
इस मिश्रण को इक ग्लास पानी में घोल कर उसमें इक पूरा नींबू निचोड़ कर पी लें !
एक दिन में ही बुखार छू मंतर होते देखा है !
ये नुस्ख़ा टाइफ़ॉड और malaria में भी उतना ही कारगर है !

तुरन्त अपनाएँ और अनुभव शेयर करें

धन्याबाद !

खून बढाने के घरेलू उपाय !

दो घंटे के लिए 2 चम्मच तिलों को पानी में भिगों लें और बाद में पानी से छानकर इसका पेस्ट बना लें अब इसमें 1 चम्मच शहद मिलाएं और दिन में दो बार सेवन करें।
काफी और चाय का सेव--न कम कर दें। एैसा इसलिए क्योंकि ये चीजें शरीर को आयरन लेने से रोकते हैं
दो बार दिन में ठंडे पानी से नहाएऔर सुबह नहाने के बाद सूरज की रोशनी में बैठें।
आप अपने भोजन में गेहूं, मोठ,मूंग और चने को अंकुरित करकेउसमें नींबू मिलाकर सुबह का नाश्ता लें
पके आम के गुदे को मीठे दूध के साथ सेवन करें। एैसा करने से खून तेजी से बढ़ता है।
शरीर में खून की कमी को दूर करने के लिए मूंगफली के दानोंको गुड़ के साथ चबा-चबा कर सेवन करें।
सिंघाड़ा शरीर में खून और ताकत दोनो को बढ़ाता है। कच्चे सिंघाड़े को खाने से शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर तेजी से बढ़ता है।
मुनक्का, अनाज, किशमिश, दालें और गाजर का नियमित सेवन करें और रात को सोने से पहले दूध में खजूर डालकर उसको पीएं।
अमरूद, पपीता, चीकू, सेब और नींबू आदि फलो का अधिक से अधिक सेवन करें।
आंवले का रस और जामुन का रस बराबर मात्रा में मिलाकर सेवन करने से हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ता है।
एक गिलास टमाटर का रस रोज पीने से भी खून की कमी दूर होती है। इसलिए टमाटर का सूप भी बनाकर आप ले सकते हो।
बथुआ, मटर, सरसों, पालक, हरा धनिया और पुदीना को अपने भोजन में जरूर शामिल करें।
फालसे का शर्बत या फालसे का सेवन सुबह शाम करने से शरीर में खून की मात्रा जल्दी बढ़ती है।
शरीर में खून को बढ़ाने के लिए नियमित रूप से लहसुन और नमक की चटनी का सेवन करे। यह हीमोग्लोबिन की कमी को दूर करता है।
सेब का जूस रोज पीएं। चुकंदर के एक गिलास रस में अपने स्वाद के अनुसार शहद मिलाकर इसे रोज पीएं। इस जूस में लौह तत्व ज्यादा होता है।शरीर में खून की कमी से बहुत बीमारियां लग सकती हैं।जिस वजह से इंसान कमजोर हो जाता है और उसका शरीर बीमारियों से लड़ नहीं पाता है। इसलिए महिलाओं और पुरूषों को शरीर में खूनकी मात्रा बढ़ाने के लिए इन आयुवेर्दिक उपायों को अपनाना चाहिए।
शरीर में लोह तत्व बढाने के लिये सबसे अच्छा तरीका यह है भोजन से इसकी पूर्ति करें। चाय,काफ़ी और अम्ल विरोधि (एन्टासिड) दवाएं उपयोग में न लाएं। ये चीजें शरीर द्वारा लोह तत्व ग्रहण करने की प्रक्रिया को बाधित करते हैं।
लोह तत्व की वृद्धि के लिये हरे मटर,हरे चने(छोले),अंडे,मछली, कलेजी दूध का प्रचुर उपयोग करना उत्तम है। जो लोग शाकाहारी हैं वे अपने भोजन में पालक,सभी तरह की हरी सब्जियां, दालें अंजीर,अखरोट बदाम काजू, किशमिश,खजूर, आदि रक्त वर्धक पदार्थो का भरपूर उपयोग करना चाहिये।
सेवफ़ल,टमाटर भोजन में शामिल करें। एक कप सेवफ़ल के रस में दो चम्मच शहद मिलाकर नित्य पीने से खून की कमी दूर होती है।
टमाटर और सेवफ़ल का रस प्रत्येक २०० मिलिलिटर मिश्रण करके रोज सुबह लेने से रक्ताल्पता में आशातीत लाभ होता है।
ताजा सलाद खाने और शहद से शरीर में हेमोग्लोबिन बढकर एनिमिया का निवारण होता है।विटामिन बी१२, फ़ोलिक एसिड,और विटामिन सी ग्रहण करने से हेमोग्लोबिन की वृद्धि होती है
दूध,मांस,गुर्दे और कलेजी में प्रचुर विटामिन बी१२ पाया जाता है।मैथी की सब्जी कच्ची खाने से लोह तत्व मिलता है।
किशोरावस्था की लडकियों में होने वाली खून की कमी में मैथी की पत्तियां उबालकर उपयोग करने से बहुत फ़ायदा होता है। मैथी के बीज अंकुरित कर नियमित खाने से रक्ताल्पता का निवारण होता है।सभी पत्तेदार सब्जीयां और खासकर पालक में प्रचुर मात्रा मे लोह तत्व पाया जाता है। इनसे मिलने वाला आयरन श्रेष्ठ दर्जे का होता है। यह लोह तत्व शरीर में ग्रहण होने के बाद बडी तेजी से रक्त कण बनते हैं और रक्ताल्पता शीघ्र ही दूर हो जाती है।
खून की कमी दूर करने में सोयाबीन का महत्वपूर्ण स्थान है। इसमे आयरन होता है और श्रेष्ठ दर्जे का प्रोटीन भी होता है। लेकिन एनिमिया रोगी की पाचन शक्ति कमजोर होती है इसलिये सोयाबीन का दूध बनाकर पीना उचित रहता है।
7 नग बादाम दो घन्टे पानी में गला दें। फ़िर छिलका उतारकर खरल में पेस्ट बनाकर रोज खाने से नया खून बनता है और रक्ताल्पता लाभ होता है।

खून बढाने के घरेलू उपाय !

दो घंटे के लिए 2 चम्मच तिलों को पानी में भिगों लें और बाद में पानी से छानकर इसका पेस्ट बना लें अब इसमें 1 चम्मच शहद मिलाएं और दिन में दो बार सेवन करें।
काफी और चाय का सेव--न कम कर दें। एैसा इसलिए क्योंकि ये चीजें शरीर को आयरन लेने से रोकते हैं
दो बार दिन में ठंडे पानी से नहाएऔर सुबह नहाने के बाद सूरज की रोशनी में बैठें।
आप अपने भोजन में गेहूं, मोठ,मूंग और चने को अंकुरित करकेउसमें नींबू मिलाकर सुबह का नाश्ता लें
पके आम के गुदे को मीठे दूध के साथ सेवन करें। एैसा करने से खून तेजी से बढ़ता है।
शरीर में खून की कमी को दूर करने के लिए मूंगफली के दानोंको गुड़ के साथ चबा-चबा कर सेवन करें।
सिंघाड़ा शरीर में खून और ताकत दोनो को बढ़ाता है। कच्चे सिंघाड़े को खाने से शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर तेजी से बढ़ता है।
मुनक्का, अनाज, किशमिश, दालें और गाजर का नियमित सेवन करें और रात को सोने से पहले दूध में खजूर डालकर उसको पीएं।
अमरूद, पपीता, चीकू, सेब और नींबू आदि फलो का अधिक से अधिक सेवन करें।
आंवले का रस और जामुन का रस बराबर मात्रा में मिलाकर सेवन करने से हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ता है।
एक गिलास टमाटर का रस रोज पीने से भी खून की कमी दूर होती है। इसलिए टमाटर का सूप भी बनाकर आप ले सकते हो।
बथुआ, मटर, सरसों, पालक, हरा धनिया और पुदीना को अपने भोजन में जरूर शामिल करें।
फालसे का शर्बत या फालसे का सेवन सुबह शाम करने से शरीर में खून की मात्रा जल्दी बढ़ती है।
शरीर में खून को बढ़ाने के लिए नियमित रूप से लहसुन और नमक की चटनी का सेवन करे। यह हीमोग्लोबिन की कमी को दूर करता है।
सेब का जूस रोज पीएं। चुकंदर के एक गिलास रस में अपने स्वाद के अनुसार शहद मिलाकर इसे रोज पीएं। इस जूस में लौह तत्व ज्यादा होता है।शरीर में खून की कमी से बहुत बीमारियां लग सकती हैं।जिस वजह से इंसान कमजोर हो जाता है और उसका शरीर बीमारियों से लड़ नहीं पाता है। इसलिए महिलाओं और पुरूषों को शरीर में खूनकी मात्रा बढ़ाने के लिए इन आयुवेर्दिक उपायों को अपनाना चाहिए।
शरीर में लोह तत्व बढाने के लिये सबसे अच्छा तरीका यह है भोजन से इसकी पूर्ति करें। चाय,काफ़ी और अम्ल विरोधि (एन्टासिड) दवाएं उपयोग में न लाएं। ये चीजें शरीर द्वारा लोह तत्व ग्रहण करने की प्रक्रिया को बाधित करते हैं।

ताजा सलाद खाने और शहद से शरीर में हेमोग्लोबिन बढकर एनिमिया का निवारण होता है।विटामिन बी१२, फ़ोलिक एसिड,और विटामिन सी ग्रहण कर
दूध,मांस,गुर्दे और कलेजी में प्रचुर विटामिन बी१२ पाया जाता है।मैथी की सब्जी कच्ची खाने से लोह तत्व मिलता है।
किशोरावस्था की लडकियों में होने वाली खून की कमी में मैथी की पत्तियां उबालकर उपयोग करने से बहुत फ़ायदा होता है। मैथी के बीज अंकुरित कर नियमित खाने से रक्ताल्पता का निवारण होता है।सभी पत्तेदार सब्जीयां और खासकर पालक में प्रचुर मात्रा मे लोह तत्व पाया जाता है। इनसे मिलने वाला आयरन श्रेष्ठ दर्जे का होता है। यह लोह तत्व शरीर में ग्रहण होने के बाद बडी तेजी से रक्त कण बनते हैं और रक्ताल्पता शीघ्र ही दूर हो जाती है।
खून की कमी दूर करने में सोयाबीन का महत्वपूर्ण स्थान है। इसमे आयरन होता है और श्रेष्ठ दर्जे का प्रोटीन भी होता है। लेकिन एनिमिया रोगी की पाचन शक्ति कमजोर होती है इसलिये सोयाबीन का दूध बनाकर पीना उचित रहता है।
7 नग बादाम दो घन्टे पानी में गला दें। फ़िर छिलका उतारकर खरल में पेस्ट बनाकर रोज खाने से नया खून बनता है और रक्ताल्पता लाभ होता है।

Wednesday 17 August 2016

कब्ज का उपाय !!!

आज आप जानिये कब्ज के बारे में, कब्ज का मूल कारण  ,कब्ज का बहुत बढिया उपाय है।……

१---कब्ज का मूल कारण शरीर मे तरल की कमी होना है। पानी की कमी से आंतों में मल
सूख जाता है और मल निष्कासन में जोर लगाना पडता है। अत: कब्ज से परेशान रोगी
को दिन मे २४ घंटे मे मौसम के मुताबिक ३ से ५ लिटर पानी पीने की आदत डालना
चाहिये। इससे कब्ज रोग निवारण मे बहुत मदद मिलती है।

२...भोजन में रेशे की मात्रा ज्यादा रखने से कब्ज निवारण होता है।हरी पत्तेदार सब्जियों
और फ़लों में प्रचुर रेशा पाया जाता है। मेरा सुझाव है कि अपने भोजन मे करीब ७०० ग्राम
हरी शाक या फ़ल या दोनो चीजे शामिल करें।

३... सूखा भोजन ना लें। अपने भोजन में तेल और घी की मात्रा का उचित स्तर बनाये
रखें। चिकनाई वाले पदार्थ से दस्त साफ़ आती है।

४..पका हुआ बिल्व फ़ल कब्ज के लिये श्रेष्ठ औषधि है। इसे पानी में उबालें। फ़िर मसलकर
रस निकालकर नित्य ७ दिन तक पियें। कज मिटेगी।

५.. रात को सोते समय एक गिलास गरम दूध पियें। मल आंतों में चिपक रहा हो तो दूध
में ३ -४ चम्मच केस्टर आईल (अरंडी तेल) मिलाकर पीना चाहिये।

६..इसबगोल की की भूसी कब्ज में परम हितकारी है। दूध या पानी के साथ २-३ चम्मच
इसबगोल की भूसी रात को सोते वक्त लेना फ़ायदे मंद है। दस्त खुलासा होने लगता
है।यह एक कुदरती रेशा है और आंतों की सक्रियता बढाता है।

७..नींबू कब्ज में गुण्कारी है। मामुली गरम जल में एक नींबू निचोडकर दिन में २-३बार
पियें। जरूर लाभ होगा।

८..एक गिलास दूध में १-२ चाम्मच घी मिलाकर रात को सोते समय पीने से भी कब्ज
रोग का समाधान होता है।

९...एक कप गरम जल मे १ चम्म्च शहद मिलाकर पीने से कब्ज मिटती है। यह मिश्रण
दिन मे ३ बार पीना हितकर है।

१०.. जल्दी सुबह उठकर एक लिटर गरम पानी पीकर २-३ किलोमीटर घूमने जाएं। बहुत
बढिया उपाय है।

११..दो सेब फ़ल प्रतिदिन खाने से कब्ज में लाभ होता है।

१२..अमरूद और पपीता ये दोनो फ़ल कब्ज रोगी के लिये अमॄत समान है। ये फ़ल दिन मे
किसी भी समय खाये जा सकते हैं। इन फ़लों में पर्याप्त रेशा होता है और आंतों को शक्ति
देते हैं। मल आसानी से विसर्जीत होता है।